A SECRET WEAPON FOR BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

A Secret Weapon For baglamukhi shabar mantra

A Secret Weapon For baglamukhi shabar mantra

Blog Article

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की, जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है ।

The Bagalamukhi mantra is chanted to seek the goddess's blessings in overcoming obstructions and defeating enemies. It is believed that by reciting this mantra, you can attain control in excess of destructive energies and forces that may are available in the way of development or result in harm.



अपने विरोधियों को वश में करने और उन्हें हराने के लिए असल में मां बगलामुखी की पूजा करना एक निश्चित तकनीक है। यदि इस मंत्र का उच्चारण बुरे इरादे के साथ किया जाए, तो यह केवल बुरा परिणाम दे सकता है।

Shabar Mantras are potent prayers derived from Indian folk traditions. They happen to be shown to be helpful in carrying out different wishes, therapeutic, and spiritual enhancement.

यह मंत्र आपको बाधाओं को दूर करने, अधूरे रह गए कार्यों को पूरा करने और आपकी देनदारियों को कम करने में भी मदद कर सकता है।

ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।

बगलामुखी गायत्री मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम



ॐ बगलामुख्यै च विद्महे स्तम्भिन्यै च धीमहि तन्नो बागला प्रचोदयात

Shabar mantras usually are not affiliated with any precise deity. They are deemed impartial and are believed get more info to faucet into cosmic Strength and common consciousness.

देवी बगलामुखी को सम्मानित करने के लिए पीले फूल सही फूल हैं।

वास्तव में शाबर-मंत्र अंचलीय-भाषाओं से सम्बद्ध होते हैं, जिनका उद्गम सिद्ध उपासकों से होता है। इन सिद्धों की साधना का प्रभाव ही उनके द्वारा कहे गए शब्दों में शक्ति जाग्रत कर देता है। इन मन्त्रों में न भाषा की शुद्धता होती है और न ही संस्कृत जैसी क्लिष्टता। बल्कि ये तो एक साधक के हृदय की भावना होती है जो उसकी अपनी अंचलीय ग्रामीण भाषा में सहज ही प्रस्फुटित होती है। इसलिए इन मन्त्रों की भाषा-शैली पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आवश्यकता है तो वह है इनका प्रभाव महसूस करने की।

Report this page